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श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि १८ दिसंबर, २०२३

"७वाँ अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर, २०२३"

दृष्टिकोण

अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव का मुख्य दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर हिन्दी के विद्वानों, कवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, विशारदों आदि को जोड़ते हुए हिन्दी भाषा की गरिमा को सर्वसामान्य करना है। महोत्सव के आयोजन के पीछे समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करना, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को सुदृढ करना, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देना है।

हिन्दी भारत की विस्तृत रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है । हिन्दी को समर्पित जिस महोत्सव का आरंभ श्रीनाथ कॉलेज आफ एजुकेशन ने आरंभ किया था, उसे अब श्रीनाथ विश्वविद्यालय आगे लेकर जा रहा है l यह महोत्सव विगत 7 वर्षों से हिन्दी को जन-जन तक पहुंचाने तथा इस सहज भाषा से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए प्रयत्नशील है । “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” के द्वारा देश-विदेश के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को हिन्दी जैसी समृद्ध भाषा से जोड़कर उन्हें भाषा एवं साहित्य से अवगत कराते हुए, इस महोत्सव के व्यापकता को बताना है । “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” के अवसर पर कवि कोविद जुड़ते हैं, जिनके वक्तव्य हिन्दी प्रेमियों में ऊर्जा का संचार करते हैं।

महोत्सव के द्वारा साहित्य एवं संस्कृति का आदान-प्रदान होता आया है। यह एक ऐसा अवसर है जहाँ हिन्दी का अद्भुत और विशिष्ट विचार संगम होता है। इस अवसर पर हिन्दी प्रेमी, भाषा साहित्य से जुड़े प्रश्नों और विषयों पर गंभीरता पूर्वक चिन्तन-मनन करते हैं। इस महोत्सव के अवसर पर हिन्दी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को सम्मानित करने का मौका भी हमें प्राप्त होता है। हिन्दी की निस्वार्थ सेवा के लिए “श्रीनाथ विश्वविद्यालय, जमशेदपुर”  निरंतर प्रयासरत रहा है और रहेगा।