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श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि १८ दिसंबर, २०२३

"७वाँ अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर, २०२३"

कार्यक्रम विवरण

प्रथम दिवस : २१ दिसंबर २०२३

समयकार्यक्रमस्थान
 १०.३० – ११:०० बजे पूर्वा.अतिथि आगमन 
११.०० – १.०० बजे अप.उद्घाटन सह चिंतन-मननमुख्य मंच
१.०० –  २.०० बजे अप.हास्य कवि सम्मेलनमुख्य मंच
१.०० –  २.०० बजे अप.प्रश्नोत्तरी : प्रथम चरणकक्ष सं. ११२
१.०० – ३.०० बजे अप.दीवार सज्जाचाहरदीवारी पर
२.०० – ३.०० बजे अप.मुद्दे हमारे विचार आपकेमुख्य मंच
२.०० – ३.०० बजे अप.साहित्यिक कृतिविश्वविद्यालय परिसर
२.०० – ३.०० बजे अप.मुखड़े पर मुखड़ाविश्वविद्यालय सभागार
३.०० – ४.०० बजे अप.संपादीकीय लेखनकक्ष सं. ११३
३.०० – ४.०० बजे अप.लिखो कहानीकक्ष सं.१०८
३.०० – ४.०० बजे अप.व्यक्तित्व झांकीमुख्य मंच

द्वितीय दिवस : २२ दिसंबर २०२३

समयकार्यक्रमस्थान
१०.३० – ११.३० बजे पूर्वा.चिंतन मननमुख्य मंच
११.३० – १२.३० बजे अप.दंगलमुख्य मंच
११.३० – १२.३० बजे अप.हिन्दी टंकणआई सी टी कक्ष
१२.३० – १.३० बजे अप.नृत्य नाटिकामुख्य मंच
१२.३० – १.३० बजे अप.भाषा रूपांतरणकक्ष सं. ११२
१.३० – २.३० बजे अप.विज्ञापन रचना मुख्य मंच
१.३० – ३.०० बजे अप.साहित्य के रंगवि.वि. का गलियारा
१.३० – ३.०० बजे अप.लघु नाटिका : प्रथम चरणवि.वि. सभागार
२.३० – ४.३० बजे अप.प्रश्नोत्तरी : अंतिम चरणमुख्य मंच
४.३० – ५.०० बजे अप.वृतचित्र एवं रील्स संचारआई सी टी कक्ष

तृतीय दिवस : २३ दिसंबर २०२३

समयकार्यक्रमस्थान
१०.३० – ११.३० बजे पूर्वा.रेडियो  श्रीनाथ : प्रथम चरणकक्ष सं. ११३
१०.३० – ११.३० बजे पूर्वा.वाक् चातुर्यमुख्य मंच
११.३० – १२.३० बजे अप.चिंतन मननमुख्य मंच
१२.३० – २.०० बजे अप.कहानी से कविता तककक्ष सं. ११२
१२.३० – १.३० बजे अप.रेडियो  श्रीनाथ : अंतिम चरणमुख्य मंच
१.३०– २.३० बजे अप.लघु नाटिकामुख्य मंच
२.३० – ४.३० बजे अप.पुरस्कार वितरणमुख्य मंच

कार्यक्रम विवरण

१) हास्य कवि सम्मेलन

उद्देश्य
हास्य कविता हिन्दी साहित्य की वह विधा है जिसे पढ़ने व सुनने में आनंद की अनुभूति होती है। इसके कई रसों का स्वादन सभी ने किसी न किसी माध्यम से किया है। यह दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाओं को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत करती है, जिसमें पाठक एवं श्रोतागण स्वयं में गुदगुदी महसूस करते हैं। हास्य कवि सम्मेलन की प्रतियोगिता में प्रतिभागी अपने काव्य पाठ की क्षमता, बोलने की विशिष्ट शैली आदि का प्रदर्शन करते हैं। हास्य, व्यंग्य से जुड़ा हुआ है। व्यंग्य अपने आप में हास्य का उद्गम है ।

२) प्रश्नोतरी

उद्देश्य
शिक्षक और शिक्षार्थी एक दूसरे के पूरक है । इस प्रतियोगिता को आयोजित करने का उद्देश्य हिन्दी साहित्य में विद्यार्थियों के गहन अध्ययन की आदत का विकास करना, हिन्दी साहित्य के प्रत्येक पहलु ओं से उन्हें अवगत कराना एवं हिन्दी के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ उनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करना है।

३) दीवार सज्जा

उद्देश्य
भारत की सांस्कृतिक विविधता में दीवार सज्जा के लिए चित्रकारी सामान्य रूप से परिलक्षित होती हैंl यह प्रतियोगिता केवल चित्रांकन ही नहीं बल्कि अपने आप में कोई न कोई सूचना शिक्षा या घटना को चित्रित करती है। दीवार सज्जा स्वयं में एक अनूठी कला है और इससे भी अनूठा है दीवार सज्जा को हिंदी साहित्य से जोड़ना या यूँ कहें सृजनात्मकता और साहित्य का संगम। इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों में कलात्मकता, रचनात्मकता, सौंदर्यबोध के साथ-साथ सांस्कृतिक संरक्षण जैसी भावना के विकास का प्रयास किया जाता है।

४) मुद्दे हमारे, विचार आपके

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य बच्चों को देश-दुनिया की चीजों से अवगत कराना तथा उनमें विश्लेषण की क्षमता का विकास करना हैl समसामयिकता को ध्यान में रखते हुए न्यूज रूम के वातावरण से विद्यार्थियों को परिचित कराना एवं विभिन्न मुद्दों पर उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करना है l इस प्रतियोगिता का ध्येय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की नजरों से वर्तमान परिवेश का विश्लेषण करना है, साथ ही प्रतिभागियों में सृजनात्मकता एवं वाचन कौशल का विकास करना हैl

५) साहित्यिक कृति

उद्देश्य
हिंदी साहित्य की संस्कृति गहरे सागर की भाँति है, जिसमें असंख्य कवि, कथाकार, उपन्यासकार समाहित है। इन महानुभावों के साहित्यिक जीवन के विभिन्न रंगों को दर्शाता हुआ यह प्रतियोगिता छात्रों के सृजनात्मकता एवं प्रस्तुतीकरण कौशल को दर्शाता है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को हिन्दी साहित्य के कालक्रमानुसार अलग -अलग साहित्यकारों के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगाl

६) मुखड़े पर मुखड़ा

उद्देश्य
प्राचीन काल से ही चित्रों को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बनाने में साहित्य तथा शिक्षा का विशेष योगदान रहा है। प्राचीन काल से ही कहानी हो या काव्य, चित्रकारी का उपयोग सर्वव्याप्त रहा है। बीते वर्षों में इस कला ने विविधता के कई रंग बिखेरे हैं और नवीनता के नए आयामों को प्रदर्शित किया है। इस प्रतियोगिता के सौजन्य से प्रतिभागी शिक्षा और साहित्य को समझ कर सृजन करते हैं जिसमें सम्प्रेषण का एकमात्र माध्यम चित्रकारी ही होता है।

७) संपादकीय लेखन

उद्देश्य
यह प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को साहित्य के महत्व से परिचित कराते हुए छात्रों के लेखन शैली एवं चिंतनशीलता का विकास करने में सहायक होगा। इससे विद्यार्थियो में तुलनात्मकता एवं स्वाध्याय की परम्परा को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रतियोगिता के द्वारा प्रतिभागियों में व्यापक अध्ययन के साथ-साथ गहन अध्ययन की रुचि जागृत होगी और वे किसी भी समसामयिक विषय को तार्किक रूप से सोचने में सक्षम होंगे।

८) लिखो कहानी

उद्देश्य
लेखनके माध्यम से ही लेखक अपनी कल्पनाओं, भावों तथा विचारों को साहित्यिक रूप प्रदान करता है और अपने प्रतिभा का विकास करता है। वस्तुतःलेखन-कौशल, भाषायी-कौशल में एक विशेष महत्व रखता है। "लिखो कहानी” का उद्देश्य प्रतिभागियों के लेखन कला को विकसित करना तथा उनमेंनिहित साहित्यिक क्षमता को बढ़ाना एवं उनकी सोच को शब्दबद्ध करना है।

९) व्यक्तित्व झाँकी

उद्देश्य
रहन-सहन, खान-पान, भाषा-बोली, रीति-रिवाज, तीज़-त्योहार, परिधान के अनगिनत रंगों से सराबोर भारत की संस्कृति अपने आप में अनूठी अनमोल और अद्भुत है। भारत एक वैविध्य से परिपूर्ण राष्ट्र है। इसके विभिन्न भाषा, संस्कृति एवं धर्मों का संगम प्रस्तुत करना इस कार्यक्रम का ध्येय है। हमारी विविधतापूर्ण संस्कृति को व्यक्तिव के द्वारा सृजनात्मक रूप से प्रस्तुति ही इस प्रतियोगिता को साकार रूप देती है।

१०) दंगल

उद्देश्य
हिन्दी साहित्य में वाचन कला और तार्किक शक्ति का विशेष स्थान रहा है। किसी भी समसामयिक मुद्दों पर एक सीमित समय सीमा के अंतर्गत चर्चा-परिचर्चा करने में सक्षम होना निश्चित रूप से एक बेहतरीन कला है। यह प्रतियोगिता, प्रतिभागी के विभिन्न कौशलों, जैसे- भाषण, तार्किक शक्ति, बहुआयामी सोच, आत्मविश्वास, शारीरिक हाव-भाव का मूल्यांकन करता है । प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागी एक विशेष क्षेत्र (अखाड़े) के अंदर प्रदर्शन (वाद-विवाद) करेंगे और उन्हें दंगल से मिलती-जुलती विशेष पोशाक पहननी होगी, जिसे आयोजन समिति द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

११) हिन्दी टंकण

उद्देश्य
वर्तमान समय में छात्र हिन्दी टंकण से दूर होते जा रहे हैं l अतः यह प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को हिन्दी टंकणका एक अवसर उपलब्ध कराएगा l विद्यार्थियों में हिन्दी टंकण की क्षमता विकसित करना, साथ ही उन्हें हिन्दी भाषा की वर्तनी का ज्ञान भी इस प्रतियोगिता के माध्यम से होगा l प्रतिभागियों में हिन्दी भाषा के प्रति रूचि उत्पन्न करना, हिन्दी भाषा के क्लिष्ट शब्दों से परिचित कराना और प्रतिभागियों में स्वस्थ प्रतियोगी भावना का विकास करना हिन्दी टंकण प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है l

१२) नृत्य नाटिका

“नृत्यनाटिका” कला संस्कृति का वह अंग है जिसमें नृत्य के माध्यम से किसी भी नाटिका की प्रस्तुतिकी जाती है l भारतीय महाग्रंथ हमारी संस्कृति की वह धरोहर है जो हमें भारतीय कला, संगीत, साहित्य और सृजन से अवगत कराता है। इस नृत्य नाटिका के माध्यम से भारतीय महाग्रंथ के प्रसंग को प्रस्तुत करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है l

१३) भाषा रूपांतरण

उद्देश्य
भावनाओं के यथोचित सम्प्रेषण के लिए भाषा संजीवनी का काम करती है। साहित्य अंग्रेज़ी में हो या हिन्दी में, महत्वपूर्ण यह है कि उसे व्यक्त सही तरीके से किया जाए। साहित्य जगत में भाषा रूपांतरण का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है, फिर चाहे वह महाकाव्य हो या ग्रंथगाथा। इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों के भाषा की भाव पर पकड़ तथा उसके रूपांतरण के द्वारा साहित्य तथा शब्द ज्ञान की समझ को परखने का प्रयास किया जाता है।

१४) विज्ञापन रचना

उद्देश्य
यह प्रतियोगिता मुख्य रूप से किसी भी वस्तु के सकारात्मक पक्ष को उजागर करती है। प्रचार एवं प्रसार से प्रसिद्धि का मार्ग प्रशस्त होता आया है और इस प्रसिद्धि को प्राप्त करने का सबसे सुगम एवं सरल मार्ग है एक उत्कृष्ट विज्ञापन की रचना, जो कम समय में वो सब बता देती है, जो हम आम जनता तक पहुँचाना चाहते हैं। विज्ञापन रचना की इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य प्रतिभागियों की सृजनात्मकता के साथ समीक्षात्मक सोच को भी परखना है। वे निज भाषा में विज्ञापन रचना द्वारा दिए गए विषय-वस्तु (उत्पाद) के प्रति लोगों में विश्वास जगासकें।

१५) साहित्य के रंग (रंगोली)

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य प्रतिभागियों को अपनी परम्परा एवं संस्कृति से जोड़ना तथा साहित्य और कला के संगम द्वारा प्रतियोगिता स्थल पर अपनी भावनाओं की रचनात्मक प्रस्तुति करना है l इससे प्रतिभागियों में समूह कार्य कौशल, कल्पनाशीलता एवं नवाचार आदि गुणों का विकास होगा l l

१६) लघु नाटिका

उद्देश्य
नाटक में जीवन की अनुकृति को शब्दगत संकेतों के द्वारा सजीव पात्रों के माध्यम से एक चलते-फिरते सजीव रूप में मंचित किया जाता है। लघु नाटिका विषय को संक्षेपित कर संदर्भित रूप से प्रस्तुत करने का एक माध्यम है। किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक पक्षों को विषय के रूप में ले कर निर्धारित समय सीमा में छात्रों द्वारा दी गई प्रस्तुति से उनके अभिनय कला, भाव भंगिमा तथा संवाद उत्कृष्टता का आकलन किया जाता है।

१७) वृत्तचित्र एवं रील्स

उद्देश्य
वृत्तचित्र, अभिव्यक्ति प्रदर्शन का एक सशक्त माध्यम है l यह यथार्थ को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करने की एक कला है जो केवल दर्शकों का मनोरंजन ही नहीं करता है बल्कि आम जनभावनाओं और संवेदनाओं को जगाने का भी काम करता हैl इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों के दृष्टिकोण को विकसित करने के साथ-साथ उनमें सृजनात्मक कौशल का भी आकलन किया जाता है l

रील्स :  आज के इस आधुनिक युग में जब प्रत्येक क्षेत्र उन्नति के नए आयामों को छू रहा है, संचार के माध्यमों में भी अप्रतिम परिवर्तन देखने को मिला है। समाज का प्रत्येक वर्ग सम्प्रेषण की नई परिभाषा को समझ भी रहा है और अपना भी रहा है। हिन्दी को इसी सम्प्रेषण के मार्ग से जोड़ने के लिए इस प्रतियोगिता की नींव रखी गई है। “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव” की माला का यह एक नया पुष्प है, जिसमें विद्यार्थियों की सम्प्रेषण क्षमता को सृजनात्मकता के साथ हिन्दी की मुख्यधारा के साथ जोड़ने की कला को परखना ही प्रतियोगिता का एकमात्र उद्देश्य है।

१८) रेडियो श्रीनाथ

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों में निहित लेखन कौशल को बढ़ावा देना है , और साथ ही उनमें निहित वाचन कौशल को प्रकट करने का मंच प्रदान करना है।जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट होता है की रेडियो जॉकी के सादृश्य अपने भावनाओं को सुसज्जित ढंग से प्रस्तुत करना कार्यक्रम का ध्येय है। आज युवा पीढ़ी पत्र लेखन से कहीं दूर होती चली जा रही है इसलिए उन्हें पुनः पत्र लेखन से जोड़ना इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है।

१९) वाक् चातुर्य

उद्देश्य
लेखन एवं वाचन कला का हिन्दी साहित्य में विशेष स्थान रहा है। किसी भी विषय पर तत्काल ही कुछ अर्थपूर्ण तथा प्रभावी बोलना निश्चित ही एक कला है। यह प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को एक अवसर प्रदान करता है जिसमें वे अपनी बुद्धि एवं सृजनशीलता का प्रदर्शन सबके सम्मुख कर सके l यह प्रतिभागी की वाक् पटुता या चातुर्य पर पूर्ण रूपेण निर्भर करता है । प्रतियोगिता का उद्देश्य यह जाँचना है कि प्रतिभागी, दृश्य के अनुरूप किस प्रकार के वाक्यांशों या संवादों का चयन तीव्र गति से कर सकते हैं, जो दृश्य में नवीनता एवं सजीवता डाल दें।

२०) कहानी से कविता तक

उद्देश्य
हम सबके बचपन को सजाने में कहानियों का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे साथ यही कहानियाँ बड़ी होती चली आ रहीं हैं, जिनको हम और आप चाव से पढ़ते-सुनते आए हैं l युगबदला, रूपबदले, बदली हमारी धरोहर, साथ ही हमारी कहानियों के रूप और रंग भी बदले हैंl यह प्रतियोगिता एक प्रयास है जिससे हमारी साहित्यिक धरोहर को हम सृजनात्मक रूप दे सकेl हिन्दी को इसी सम्प्रेषण के मार्ग से जोड़ने के लिए इस प्रतियोगिता की नींव रखी गई है। “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव,” के उपवन का यह एक नया पुष्प है, जिसमें विद्यार्थियों की सम्प्रेषण क्षमता को सृजनात्मकता के साथ हिन्दी की मुख्य धारा के साथ जोड़ने की कला को परखना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है।

सामान्य नीति-नियम एवं विशिष्ट निर्देश