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श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि १८ दिसंबर, २०२३

"७वाँ अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर, २०२३"

हमारा लक्ष्य

श्रीनाथ विश्वविदयालय” वर्ष २०२१ में अस्तित्व में आया है परन्तु “संध्या शंभु एजुकेशनल ट्रस्ट” के अंतर्गत स्थापित “श्रीनाथ कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन” के द्वारा २०१६ से “श्रीनाथ हिंदी महोत्सव” का आयोजन होता रहा है l हिन्दी हमारी राजभाषा होने के साथ-साथ अत्यंत समृद्ध एवं सुदृढ़ भाषा है l हिन्दी भाषा एवं साहित्य का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है l भारत में हिन्दी साहित्य से जुड़े अनेक विभूतियों ने साहित्य के लिए अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है l

श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव, हिन्दी भाषा को और अधिक विकसित एवं जनमानस की भाषा बनाने के लिए प्रयासरत रहा है l चूंकि भारतवर्ष युवाओं का देश है l यहाँ युवाओं की संख्या अधिक है तथा हिन्दी भारत की राजभाषा है इसलिए जनमानस को इस भाषा से जोड़ना हिन्दी को सर्वाधिक उपयोगी भाषा बनाने की ओर किया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है l इसी दूरदर्शिता को ध्यान में रखते हुए श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव की नींव रखी गई है l

भारत में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की योजना रही है, परन्तु दुर्भाग्यवश आज तक यह संभव नहीं हो सका है l श्रीनाथ विश्वविदयालय, अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव के माध्यम से महाविद्यालयों / विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को हिन्दी से जोड़ने का प्रयास करता आया है तथा भविष्य में भी विश्वविद्यालय यह प्रयास निरंतर करता रहेगा l

आरम्भ के वर्षों में श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव में कुछ सीमित प्रतियोगिताएं ही आयोजित होती थी l समय के साथ-साथ एक ओर प्रतिस्पर्धाओं की जहां संख्या बढ़ी, वहीं दूसरी ओर कई प्रतिस्पर्धाओं में तकनीक का अत्यधिक प्रयोग भी बढ़ा है, जिससे श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव और भी अधिक रोचक एवं लोकप्रिय हुआ है l श्रीनाथ विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव का आयोजन कर रहा है । इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव में महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जो महोत्सव को एक नई दिशा प्रदान करेगी । श्रीनाथ विश्वविदयालय आने वाले वर्षों में हिन्दी के अधिक से अधिक प्रख्यात साहित्यकारों को अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव से जोड़ने का प्रयास करेगा, जिससे उनकी व्याख्यानों तथा वक्तव्यों से हिन्दी प्रेमियों तथा विद्यार्थीवर्ग लाभान्वित हो सकें एवं हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक लोकप्रिय बनाया जा सके l