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श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि १८ दिसंबर, २०२३

"७वाँ अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर, २०२३"

हमारे बारे में

७ वर्ष पूर्व सन् २०१६ में संध्या शम्भु एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा स्थापित “श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन” शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना शुरू किया l तत्पश्चात महाविद्यालय प्रबंधन के दृढ़ इच्छाशक्ति, शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ अलग करने की चाह औऱ अथक प्रयास के फलस्वरूप आज उसी संस्थान ने “श्रीनाथ विश्वविद्यालय” होने का गौरव प्राप्त किया है ।

संस्थान की स्थापना के साथ ही साथ हिन्दी भाषा को समर्पित “श्रीनाथ हिंदी महोत्सव” का भी शुभारम्भ हुआ। जिस हिन्दी भाषा को हम सब दिन-रात जीते हैं और व्यवहार मे लाते है, जो हमारे जीवन के अनुभूतियों और भावों को प्रकट करने में हमारी सहचरी है,  उसके प्रति हम सभी नतमस्तक हैं । विद्वानों एवं विशारदों के विचारों एवं वक्तव्यों से आलोकित यह महोत्सव, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं के माध्यम से,  हिन्दी को शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, सृजन एवं संगीत से जोड़ने तथा जुड़ने का अवसर प्रदान करने का प्रयास करता है ।

“श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” अब अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव बन चुका है, जो इसकी व्यापकता एवं लोकप्रियता को प्रदर्शित करता है । इसकी व्यापकता एवं विविधता में आई वृद्धि इस कार्यक्रम की सफलता तथा जन-मानस की स्वीकारोक्ति का साक्ष्य है ।

इस अवसर पर हिन्दी भाषा एवं साहित्य से जुड़ी कई रोचक एवं मनमोहक प्रतियोगिताएं आयोजित होती रही हैं जिसमें देशभर के विद्यार्थियों के अतिरिक्त विदेश से भी प्रतिभागी हिस्सा लेते रहे हैं । प्रतियोगिताओं के साथ ही महोत्सव से देश-विदेश के वक्ता एवं विद्वान भी जुड़ते हैं । अपने आरंभिक दिनों से अब तक “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” में हिन्दी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले महानुभाव एक मंच पर एकत्रित होकर अपने वक्तव्यों एवं व्याख्यानों से हिंदी प्रेमियों तथा शिक्षार्थियों को लाभान्वित करते आए हैं। इसी प्रयास के फलस्वरूप हिन्दी की सुप्रसिद्ध एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती मैत्रेयी पुष्पा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में महोत्सव से जुड़ चुकी है ।

शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, सृजन और संगीत को हिन्दी से एकीकृत एवं सुसज्जित करने के उद्देश्य से रची गई प्रतियोगिताएँ, विद्यार्थियों के लिए एक ऐसे क्षितिज का निर्माण करती हैं जहां वे अपने कला एवं कौशल का उन्मुक्त प्रदर्शन कर पाते हैं। समय के साथ प्रतियोगिताओं में तकनीक के प्रयोग ने  “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” को उत्कृष्टता प्रदान की है ।